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पुलिया में घटिया निर्माण, तय मानकों की उड़ रही धज्जियां, अफसरों ने कहा- ठेकेदार से मिल लो

कवर्धा। पंडरिया विकासखंड के ग्राम रेंगाबोड़ में एक अद्भुत चमत्कार घटित हो रहा है — जहां पुलिया का निर्माण भले ही खेत के नाले पर हो रहा है, लेकिन इसकी नींव भ्रष्टाचार की दलदल में गड़ी हुई है। सरकारी योजना की रकम से हो रहे इस निर्माण में न गुणवत्ता है, न जवाबदेही — बस जेबें हैं, जो लगातार भरती जा रही हैं।

निर्माण की गुणवत्ता और इस खुला भ्रष्टाचार को लेकर जब इंजीनियर से लेकर SDO तक को जानकारी दी, तो जवाब मिला – “ठेकेदार से मिल लो।” वाह! क्या सिस्टम है, शिकायतकर्ता को ही समझौते की राह दिखा दी जाती है। अधिकारी वही देखता है, जो उसकी आंखों में ठेकेदार दिखाता है — बाक़ी सब धुंध है।

स्थानीय नदी से लाई गई मिट्टी युक्त रेत, तय मानक से कम छड़ और सीमेंट, और वीडियो में कैद घटिया निर्माण भी अगर अधिकारियों की नींद नहीं तोड़ पाते, तो सवाल सिर्फ भ्रष्टाचार का नहीं, मिलीभगत का भी है। जब सच सामने आया, तो ठेकेदार ने फुर्ती दिखाई — जैसे सब कुछ ‘निपटा’ देना हो, ताकि कोई सवाल ही न बचे।

अब देखना यह है कि विभागीय अफसर इस पुलिया को जांच के पुल से गुजारते हैं या फिर चुपचाप उस भ्रष्टाचार की नाव में बैठ जाते हैं, जो पहले ही गंतव्य तक रवाना हो चुकी है — जेब भरने के तट की ओर!

“सरकारी पैसा अफसर-ठेकेदार की जेब में, गांव वालों को मिला घटिया निर्माण”

ग्रामीणों में निर्माण कार्य को लेकर गहरा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि लाखों रुपए खर्च कर जो पुलिया बनाई जा रही है, वह दिखने में ही कमजोर लगती है। निर्माण स्थल पर काम में उपयोग हो रही सामग्री बेहद घटिया है, जिसे देखकर कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि यह ज्यादा दिन नहीं टिकेगा।

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